उन्होंने एनपीए में बड़ी कंपनियों और चर्चित नामों के शामिल होने की ओर इशार करते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि बैंकों को पैसा वापस मिले। इसके लिए एक अच्छी दिवालिया संहिता की जरूरत है। एक ऐसी अदालत प्रणाली चाहिए, जो समयबद्ध ढंग से काम करे, जो पहले नहीं था।”
उल्लेखनीय है कि उद्योगपति विजय माल्या पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये बकाया है और अदालत में उनके विरुद्ध मामला चल रहा है।
राजन ने कहा कि ऋण नहीं चुकाए जाने के कई कारण हो सकते हैं। वह एक अलग मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि पूरी संभावना है कि दिवालिया संहिता विधेयक जल्द ही पारित हो जाए। इसके बाद एक ऐसी व्यवस्था बन जाएगी, जिसमें बैंकों के कर्ज को नहीं चुकाने की प्रवृत्ति घटेगी।