शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन मरीजों का एड्रोजेन हार्मोन देकर प्रोस्टेट कैंसर का इलाज किया जा रहा था, उनमें इसके कारण अवसाद के लक्षण पाए गए.
प्रमुख शोधकर्ता अमेरिका के ब्रिंघम एंड वुमेन अस्तपाल के पॉल नगूएन का कहना है, “हम जानते हैं कि जिन मरीजों की हार्मोन थेरेपी की जाती है वे अक्सर यौन कार्यप्रणाली में कमी, वजन में बढ़ोतरी और ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं. कई सारे कारण मिलकर मरीज को अवसाद का शिकार बना देते हैं. हमने गहराई से इसकी जांच की तो हार्मोन थेरेपी से अवसाद का गहरा संबंध नजर आया.”
यह शोध ऑनलाइन जर्नल क्लिनिकल साइकोलॉजी में प्रकाशित किया गया है.