टेडी बीयर से खेलने वाले बच्चे अगर टेडी बीयर का गला काटने लगें तो? रिमोट से खिलौना कार चलाने वाले बच्चे अगर रिमोट कंट्रोल से कार बम उड़ाने लगें तो? चार साल की बच्ची कसाई की तरह इंसानों के सिर काटने की बातें करने लगे तो? सवाल कचोटने वाला है. मगर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के सरगना बगदादी ने सैंकड़ों बच्चों को ऐसा ही बना दिया है. दरअसल वो इन बच्चों का इस्तेमाल कहर के तौर पर करना चाहता है
कहते हैं बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं. जिस सांचे में ढालो, ढल जाते हैं. लेकिन इस बग़दादी का क्या करें, जो बच्चों को दहशतगर्दी के सांचे में ढालने में लगा है. तभी तो सीरिया और इराक जैसे मुल्कों में हजारों बच्चे आज आईएसआईएस के चंगुल में फंस कर उस उम्र में मरने-मारने का सबक सीख रहे हैं, जिस उम्र में इंसान को ठीक से जीना भी नहीं आता
तुर्की में आईएसआईएस का राज तो नहीं है, लेकिन आईएसआईएस इस मुल्क की दहलीज पर जरूर खड़ा है. क्योंकि तुर्की से सटे इराक और सीरिया ही वो जगह हैं, जिसके एक बड़े इलाके पर आईएसआईएस का कब्जा है. लेकिन अब तुर्की की फिजा में भी आईएसआईएस के खौफ और बगदादी की हुकूमत की बेचैनी महसूस की जा सकती है. गरज ये कि तुर्की में आईएसआईएस के चंगुल से भाग निकले हजारों शरणार्थी तो हैं ही, यहां वैसे बहुत से मासूम बच्चे भी हैं, जिन्हें आईएसआईएस ने इस्लामिक हुकूमत के नाम पर आतंक की आग में झोंक दिया था. दरअसल,सीरिया और इराक में आईएसआईएस अब छोटे-छोटे बच्चों को बरगला कर और उन्हें मजबूर कर आतंकवादियों की नई पौध तैयार करने में जुटा है. एक ऐसी पौध, जिन्हें जिंदगी से ज्यादा मौत से मुहब्बत है और एक ऐसी पौध, जिनके मासूम दिमाग में जेहाद का जहर भरा जा रहा है.