सिडनी: सिगरेट का हमारे फेफड़ों पर क्या प्रभाव पड़ता है इस बात से आज कोई भी अंजान नहीं हैं। बड़ों से लेकर व्यस्क तक इसके नकारात्मक प्रभावों से भली-भांति परिचित हैं। ऐसे में फेफड़ों की क्रोनिक बीमारी के इलाज के लिए दी जा रही दवाओं का असर धूम्रपान और संक्रमण के कारण कम हो जाता है। फेफड़े संबंधी बीमारियों को क्रोनिक ऑबस्ट्रक्टिव पलमोनेरी डिजीज (सीओपीडी) कहा जाता है।
इस शोध के दौरान देखा गया कि सिगरेट पीने और एन्फ्लूएंजा ए के संक्रमण के दौरान सीओपीडी के इलाज के लिए दी जा रही दवाओं का असर कम हो जाता है।
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित आरएमआईटी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शोधार्थी रॉस व्लाहोस ने बताया, “इस शोध से पता चला है कि इलाज की नई विधि की सख्त जरूरत है, क्योंकि सीओपीडी के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवाइयों का असर कम हो रहा है।”
सीओपीडी से पीड़ित मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है और वे बार-बार हृदय के संक्रमण का शिकार होते रहते हैं।