नई दिल्ली: सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर है आईआईटी की फीस बढ़ाने का फैसला हो गया है. ट्यूशन फीस के तौर पर हर साल जहां अभी 90 हजार रुपये देने होते थे वहीं अब हर साल 2 लाख रुपये देने होंगे. यानी चार साल के कोर्स में छात्रों को अभी 3 लाख 60 हजार रुपये बतौर फीस देनी होती थी जो अब बढ़कर 8 लाख रुपये हो गई है.
इस तरह एक छात्र को अब सिर्फ आईआईटी की फीस के तौर पर 4 लाख 40 हजार रुपये ज्यादा देने होंगे. इसमें बाकी फीस शामिल नहीं है. लेकिन इस बढ़ोतरी में एससी/एसटी और बीपीएल परिवारों (जिनकी आमदनी एक लाख रुपय से कम है) के लिए खुशखबरी है. एससी/एसटी और बीपीएल छात्रों की पूरी फीस माफ कर दी गई है. दिव्यांग छात्रों की भी फीस माफ कर दी गई है.
इसके साथ ही जिन परिवारों की आय 5 लाख से कम है उन परिवारों के छात्रों की फीस में दो तिहाई (66फीसदी) की माफी दी गई है. इसके साथ ही एक तिहाई फीस के लिए सरकार लोन की सुविधा देगी.
एबीपी न्यूज़ की संवाददाता सरोज सिंह का कहना है कि फीस बढ़ाने का फैसला आईआईटी काउंसिल ने लिया है. इस काउंसिल की चैयरपर्सन एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी हैं. सूत्रों के मुताबिक फीस बढ़ाने के फैसले पर चैयरपर्सन की तरफ से मुहर लग गई है. इसका आधिकारिक एलान होना बाकी है.
क्या हैं आईआईटी कॉलेज?
देश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की अग्रणी संस्था है. देश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की ख्वाहिश रखने वाले हर छात्र का यही सपना होता है कि इन कॉलेज में पढ़ाई करे. दिल्ली, मुंबई, खड़गपुर समेत देश में आईआईटी के कुल 17 संस्थान हैं.
देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आईआईटी के छात्र रहे हैं.