भोपाल. माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं के पेपर में जातिगत आरक्षण संबंधी प्रश्न से नया विवाद खड़ा हो गया है। हिंदी विषय के प्रश्न पत्र में निबंध लेखन में एक विषय ‘जातिगत आरक्षण देश के लिए घातक’ दिया गया था।
आरक्षित वर्ग ने इस प्रश्न पर विरोध जताया है। उन्होंने प्रदेश में कई जगह प्रदर्शन कर जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग भी की है। उधर प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य
मंत्री दीपक जोशी ने भी ऐसे प्रश्न को गलत बताया है। हालांकि उनका कहना है कि उन्होंने प्रश्नपत्र नहीं देखा है।
सीधी बात : दीपक जोशी, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री
सवाल- जातिगत आरक्षण का प्रावधान संविधान में है, क्या यह संविधान का उल्लंघन नहीं है?
जवाब – मैंने पेपर नहीं देखा है। इसे देखने के बाद ही कुछ कहूंगा।
सवाल- जिन्होंने पेपर सेट किया, उन पर क्या कार्रवाई करेंगे?
जवाब – पहले तो जांच कराएंगे, जिम्मेदारों को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।
सवाल- जातिगत आरक्षण का प्रावधान संविधान में है, क्या यह संविधान का उल्लंघन नहीं है?
जवाब – मैंने पेपर नहीं देखा है। इसे देखने के बाद ही कुछ कहूंगा।
सवाल- जिन्होंने पेपर सेट किया, उन पर क्या कार्रवाई करेंगे?
जवाब – पहले तो जांच कराएंगे, जिम्मेदारों को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।
12वीं की वार्षिक परीक्षा में हिंदी सामान्य का पेपर 5 मार्च को हुआ था। इस पेपर के 10 अंक के प्रश्न नंबर 28 अ में निबंध के लिए पांच विषय विकल्प के रूप में थे। निबंध 200 शब्दों में लिखना था।इन्हीं विकल्पों में से एक आरक्षण को घातक बताने वाला विषय था, जिस पर आरक्षित वर्ग से जुड़े कर्मचारी संगठन अजाक्स और छात्र संगठनों ने आपत्ति उठाई है। भोपाल, ग्वालियर, खरगोन समेत कई जगह प्रदर्शन किया।
उप्र से फोन आया तब मंत्री को मालूम हुआ : मप्र प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी का कहना है कि उन्होंने यह पेपर नहीं देखा है। उप्र से किसी व्यक्ति का फोन आया था। इस व्यक्ति ने उनसे यह पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ।
ऐसे सेट होता है पेपर : माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संबंधित विषयों के करीब दस शिक्षकों को गोपनीय पत्र भेजकर भोपाल बुलाया जाता है। यहां पेपर के लिए इनसे एक- एक प्रश्न लिए जाते हैं। इनमें से किसी को भी यह नहीं मालूम होता कि किसने कौन सा प्रश्न दिया है।
सभी प्रश्नों को पेपर का रूप देकर कंट्रोलर परीक्षा के पास भेजा जाताहै। पेपर के 10 सेट बनाए जाते हैं। इनमें से ए, बी और सी तीन सेट फाइनल किए जाते हैं। एक सेट पूरे प्रदेश में भेजा जाता है। दो सेट रिजर्व रखे जाते हैं।