#मोदी सरकार ने कितने कश्मीरी पंडितों की मदद की? सवाल पर एक्ट्रेस से भिड़े फिल्म मेकर : Rashtra News
एक्ट्रेस नगमा ने कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा और कहा कि कितनों को घर वापसी में उनकी मदद मिली?
19 जनवरी, 1990 वो दिन था, जब कश्मीर के पंडितों को अपना घर छोड़ने का फरमान जारी हुआ था। जहां कश्मीरी पंडित सदियों से रह रहे थे, उन्हें वहां से जाने के लिए कह दिया गया था। घटना को हुए 32 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी कश्मीरी पंडितों का दर्द कम नहीं हुआ है। यहां तक कि कई राजनैतिक पार्टियां भी समय-समय पर इस मुद्दे को उठाती हैं और चर्चा भी करती हैं। कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर बीते दिन बॉलीवुड एक्ट्रेस और कांग्रेस नेता नगमा ने भी ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने सवाल किया था कि साल 2014 के बाद मोदी सरकार ने कितने कश्मीरी पंडितों की घर वापसी में मदद की?
नगमा ने अपने ट्वीट में कश्मीरी पंडितों का जिक्र करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। एक्ट्रेस ने लिखा, “कितने कश्मीरी पंडितों को साल 2014 के बाद से कश्मीर वापस लौटने में मोदी सरकार की मदद मिली है। कितने लोग यह महसूस कर रहे हैं कि उनके पास सुरक्षित मार्ग है और वापस आने का आश्वासन भी। हत्याओं के मौजूदा परिदृश्य को दबाने के लिए और कितनी बार इसपर चर्चा की जाएगी?”
अपने इस ट्वीट को लेकर एक्ट्रेस नगमा लोगों के निशाने पर आ गईं। फिल्म मेकर अशोक पंडित भी कांग्रेस नेता व एक्ट्रेस के ट्वीट पर भड़के नजर आए। उन्होंने नगमा के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “नगमा जी, काश यह सवाल आपने अपने नेता राजीव गांधी से पूछा होता, जिन्होंने स्थानीय पार्टियों के साथ मिलकर वहां 20 साल से अधिक समय तक आतंकवाद का निर्माण और उसका पोषण किया।”
अशोक पंडित ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “विभाजन के बाद से ही कांग्रेस द्वारा कश्मीर की बदहाली को मात्र सात सालों में हल नहीं किया जा सकता है।” अशोक पंडित के इस ट्वीट पर एक्ट्रेस नगमा ने भी जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने वर्तमान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लिखा, “हमेशा राष्ट्र पहले होता है और कोई भी अतीत को न्यायिक नहीं ठहरा सकता है।”
एक्ट्रेस नगमा ने अशोक पंडित के ट्वीट के जवाब में आगे लिखा, “लेकिन वर्तमान उस व्यक्ति के हाथ में है, जिसपर बीते सात सालों से आपने सबसे ज्यादा भरोसा किया है। लेकिन इसके बाद भी भाजपा द्वारा आम लोगों में यह धारणा क्यों फैलाई जा रही है कि मोदी शासन में हिंदू खतरे में हैं। वो तीनों कृषि कानून भी सभी किसानों के लिए खराब ही थे।”
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