मुरथल
दिल्ली से 50 किलोमीटर दूर हरियाणा के मुरथल में हुए कथित गैंगरेप का मसला और पेचीदा होता जा रहा है। जाट आंदोलन के दौरान सामूहिक बलात्कार की इस अपुष्ट ख़बर को लेकर चश्मदीद गवाहों के अलग अलग बयान आ रहे हैं। शनिवार को एक ट्रक ड्राइवर ने दावा किया कि उसने मुरथल के पास देखा कि कई महिलाओं को खेतों में खींचकर ले जाया जा रहा था। हालांकि ड्राइवर ने कहा कि वह निश्चित रूप से यह नहीं कह सकता की उनके साथ किसी तरह की बदसलूकी हुई थी। सुखविंदर सिंह नाम के इस ड्राइवर ने बताया कि150 से भी ज्यादा लोग खेतों से हाईवे की तरफ आए और औरतों को खींचते हुए ले गए। सुखविंदर ने कहा ‘मैंने करीब 50 औरतों को देखा था। उन्हें खेतों में ले जाया जा रहा था। मैंने यह नहीं देखा कि उनके साथ क्या किया गया।’
दुकानों के कपड़े
वहीं, कुछ गवाहों का कहना है कि आंतरिक वस्त्रों को उन प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर फैला दिया था जो एक कपड़ों की दुकान लूटकर आ रहे थे। संत कुमार ने पुलिस को बताया कपड़ों की दूकान लूटने के बाद उन लोगों ने औरतों के कपड़े हाईवे पर फैला दिया। इस बीच तीन महिला अफसरों को सोनीपत के पास मुरथल भेजा गया जहां इस वारदात के होने की खबर आई है। सड़कों पर बिखरे आंतरिक वस्त्रों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
बताया जा रहा है कि आंदोलन जब चरम पर था तब कई लोगों ने पास के हसनपुर और करोरा गांव में सहारा लिया था। लेकिन इस गांव के सरपंच ने एनडीटीवी से कहा कि मदद मांगने आए किसी भी शख्स ने बलात्कार की शिकायत नहीं की है। सरपंच ने कहा ‘कुछ यात्री जिनकी गाड़ियों को जला दिया गया, वह ज़रूर छुपने के लिए खेतों में घुस आए थे। हमने उनकी मदद की और उन्हें खाना और सहारा दिया लेकिन किसी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत नहीं की थी।’
पुलिस की अपील
ट्रक ड्राइवर का उस वक्त वहां मौजूद होने का दावा और मुरथल के पास हाईवे पर महिलाओं के बिखरे हुए आंतरिक वस्त्र इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि कुछ अनहोनी वारदात हुई है। लेकिन पुलिस की मानें तो सरकार की तरफ से अपील किए जाने के बावजूद भी इस कथित बलात्कार के मामले में अभी तक किसी ने शिकायत दर्ज नहीं की है। पुलिस का यह भी दावा है कि नेशनल हाईव 1 के अलग अलग ठिकानों से इकट्ठा किए गए सीसीटीवी फुटेज से रिपोर्ट की पुष्टि करने वाला कोई तथ्य सामने नहीं आया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि फुटेज में कुछ नहीं दिख रहा है। हमने साफ तौर पर घोषणा की है कि इस मामले में किसी भी तरह का खुलासा करने वाले की पहचान छुपाकर रखी जाएगी।