न्यूयॉर्क: बार-बार पॉकेट से फोन निकालना। फोन खोल के कुछ मेसेज़ चेक करना। और फिर वापस पॉकेट में रख लेना। ऐसा तो आजकल हर युवा की आदत में शुमार हो चुका है। युवा ही क्या, हर स्मार्टफोन रखने वाला व्यक्ति आजकल इस बीमारी से झुझता नज़र आ रहा है। अगर आपको भी अपना स्मार्टफोन बार-बार चेक करने की आदत है, तो हो जाएं सावधान! क्योंकि ऐसा करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
हाल ही में शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध से यह बात सामने आई है। जी हां, शोध के दौरान पता लगा कि बार- बार फोन जांचने की ललक संतुष्टि प्रक्रिया को प्रभावित करती है। अमेरिकी की टेंपल यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक हेनरी विल्मर और जैसन ने इस अध्ययन के माध्यम से स्मार्टफोन और मोबाइल प्रौद्योगिकी के ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति बेहतर समझ विकसित करने की कोशिश की है।
इस अध्ययन के लिए शोधार्थियों ने 91 कॉलेज छात्रों का प्रश्नावली और संज्ञानात्मक परीक्षणों द्वारा आकलन किया।
इस दौरान शोधकर्ताओं ने निष्कर्षों में पाया है कि आसानी से प्रयोग में लाए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अधिकाधिक प्रयोग आवेग नियंत्रण पर दुष्प्रभाव डालता है और शीघ्र नतीजा (रिज़ल्ट) पाने की आदत को भी बढ़ाता है।
विल्मर कहते हैं, “मोबाइल प्रौद्योगिकी का ज़्यादा इस्तेमाल या बार-बार फोन चेक करने की ललक अनियंत्रित आवेगों को बढ़ाती है, और नतीजा मिलने की संतुष्टि को प्रभावित करती है।”
यह शोध ‘स्प्रिंगर’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
तो अगर आपको भी बार-बार पॉकेट और पर्स से फोन निकाल कर चेक करने की आदत है, तो अपनी इस आदत में समय रहते ही सुधार कर लें। ताकि बाद में आपको किसी तरह से पछताने की जरूरत नहीं पड़े।