#जानें क्या होती है सरोगेसी, जिससे प्रियंका चोपड़ा बनीं मां, कौन होते हैं बायोलॉजिकल मां-बाप? जानिए : Rashtra News
सरोगेसी के दुरुपयोग को देखते हुए भारत में तमाम नियम तय कर दिए गए हैं। सरकार की तरफ से इस तरह की कॉमर्शियल सरोगेसी पर लगाम दी गई है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) सरोगेसी (Surrogacy) के जरिए मां मन चुकी हैं। शनिवार को प्रियंका चोपड़ा और उनके पति निक जोनस ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फैन्स के साथ यह खुशखबरी साझा की। सरोगेसी मां बनने की लिस्ट में प्रियंका अकेली नहीं हैं।
इनसे पहले बॉलीवुड के कई कपल भी सरोगेसी से पेरेंट्स बन चुके हैं। इस लिस्ट में प्रीति जिंटा, शिल्पा शेट्टी, करण जौहर, एकता कपूर, शाहरुख खान, आमिर खान, तुषार कपूर जैसे कई बॉलीवुड स्टार शामिल हैं। हालांकि सरोगेसी के जरिए निक-प्रियंका के घर बेटा आया है या बेटी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं आई है। आइए जानते हैं कि आखिर सरोगेसी क्या होती है और भारत में इसके क्या नियम (Surrogacy provisions in India) हैं।
प्रियंका और निक ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए बताया कि, “हमें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमने सरोगेसी के जरिए एक बच्चे का स्वागत किया है। हम सम्मानपूर्वक इस विशेष समय के दौरान प्राइवेसी की मांग करते हैं। फिलहाल हमें अपने परिवार पर ध्यान केंद्रित करना है। बहुत-बहुत धन्यवाद।”
सरोगेसी क्या है?
सरोगेसी एक महिला और एक दंपति के बीच का एक समझौता है, जो अपनी स्वयं की संतान चाहता है। आसान शब्दों में कहें तो सरोगेसी में कोई कपल अपना बच्चा पैदा करने के लिए किसी दूसरी महिला की कोख को किराए पर ले सकता है। सामान्य शब्दों में कहें तो शिशु के जन्म तक एक महिला की ‘किराए की कोख’।
सरोगेसी के दौरान मां बनने वाली कोई दूसरी महिला डोनर या फिर अपने एग्स के जरिए किसी दूसरे कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है। सरोगेसी की मदद तब ली जाती है जब किसी दंपति को बच्चे को जन्म देने में कठिनाई आ रही हो। हालांकि सरोगेसी के जरिये पैदा होने वाले बच्चे के कानूनन माता-पिता वो कपल ही होते हैं, जिन्होंने सरोगेसी कराई है। सरोगेट मां बनने वाली महिला को गर्भावस्था के दौरान अपना ध्यान रखने और मेडिकल जरूरतों के लिए पैसे दिए जाते हैं ताकि वो प्रेग्नेंसी के दौरान में अपना और गर्भ में पल रहे बच्चे का ख्याल रख सकें।
कितनी तरह की होती है सरोगेसी: सरोगेसी मुख्यतः दो प्रकार की होती है। पहली तरह की सरोगेसी को ट्रेडिशनल सरोगेसी कहते हैं। इसमें पिता बनने वाले डोनर का स्पर्म सरोगेट मां बनने वाली महिला के एग्स से मैच कराया जाता है। इस दौरान बच्चे की बायोलॉजिकल मदर (जैविक मां) सरोगेट मदर ही होती है। दूसरे प्रकार में सरोगेट मदर का बच्चे से संबंध जेनेटिकली नहीं होता है यानी गर्भावस्था के दौरान सरोगेट मदर के एग का इस्तेमाल नहीं होता है। इसमें सरोगेट मदर बच्चे की बायोलॉजिकल मां नहीं होती है, वो सिर्फ बच्चे को जन्म देती है। इसमें कपल्स के स्पर्म और एग्स को मैच कराकर टेस्ट ट्यूब के जरिए सरोगेट मदर के यूट्रस में प्रत्यारोपित किया जाता है।
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